Thursday 9 July 2020

नेपाल सीमा पर सड़क निर्माण कार्य को भारतीय अधिकारियों ने रोकवाया

पीलीभीत के निकट पिल्लर संख्या 35 पर दोनों देशों के अधिकारी बातचीत करते हुए 
दीपक शरण श्रीवास्तव की रिपोर्ट 
महराजगंज। नेपाल से भारत के सदियों से रोटी बेटी के संबंध रहे है इसके बावजूद भारत से भावनात्मक संबंधों को दरकिनार कर हाल के दिनों में नेपाल द्वारा चीन के इशारे पर बहुत कुछ ऐसा किया गया जिससे दोनों मित्र देशों के बीच विश्वास का संकट खड़ा हो गया। हालांकि इसकी आंच नेपाली प्रधानमंत्री तक पहुच चुकी है जो जल्द ही उनका भविष्य तय करने वाला है।  नेपाल की जनता के भी विचार वास्तविकता जानने के बाद बदलने लगे है।
  पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की भावना को पहचान लिया है इसीलिए उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत राजनीति के लिए भारत से नेपाल के रिश्ते खराब नही होने देंगे। भारत से रिश्ते खराब होने के मायने वह खूब समझते है। प्रधानमंत्री ओली का चीन के प्रति झुकाव इस कदर था कि वह भारत के प्रति बेवजह आक्रामक हो गए। इन्होंने घोषणा की थी कि नेपाल  भारत की सीमा पर 89 नई बॉर्डर आउट पोस्ट खोलेगा तथा इन पर 10 हजार जवानों की ड्यूटी लगाई जाएगी जब कि चीनी सीमा पर सुरक्षा के प्रति उन्होंने कोई  चिंता नही जताई।  प्रधानमंत्री ओली की इस घोषणा को नेपाली राजनेताओं ने गंभीरता से लिया। प्रचंड के तेवर जब कड़े हुए तो ओली की अकड़ ढीली पड़ गई। बाद में नेपाल ने जल्द ही अपने कुछ बीओपी हटाने की भी घोषणा कर दी। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के पास उक्कू व बलारा बीओपी को बंद करने के साथ ही अन्य कई बीओपी हटाने की बात कही।
      भारत तब चौंक गया था जब पिथौरागढ़ सीमा पर नेपाली सेना की वर्दी में चीनी सुरक्षा दल नजर आया था। इसके बाद भारत ने भी नेपाल सीमा पर सड़कों का निर्माण कार्य तेज कर दिया। लिपुलेख और कालापानी को अपना बताए जाने से भारत मे माहौल पहले से ही गर्म था लेकिन सीमा पर स्थित नोमैन्सलैंड तमाम स्तम्भो  को भी तोड़कर अपने सीमा में मिलाने की कोशिश नेपाल द्वारा की जा रही है जो नए विवाद का कारण बन सकता है।
           बीते रविवार को पीलीभीत जिले में नेपाल सीमा पर स्थित नोमैन्स लैंड पर पिलर संख्या 38 के नजदीक नेपाल द्वारा सड़क का निर्माण शुरू करा दिया गया। इस बात की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी नाव से वहां पर पहुचे। थोड़ी ही देर में वहां नेपाल के अधिकारी भी पहुच गए। उनसे बात करके भारतीय अधिकारियों ने निर्माण रूकवाया और इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी। ऐसी घटनाएं कुछ और जगहों पर भी हुई हैं। जून के पहले पखवाड़े में बिहार के सीतामढ़ी के जानकीनगर बॉर्डर पर नेपाल प्रहरी दल के फायरिंग में एक भारतीय की मौत तथा चार के घायल होने के बाद माहौल बिगड़ा था परंतु पुराने मित्रवत संबंधों के कारण बात दब गई।  इससे चीन की ही तरह नेपाल के साथ भी विश्वास का संकट खड़ा हो रहा है।

Wednesday 8 July 2020

परिवारों की रजामंदी से देश के इतिहास में अनूठी शादी

मंडप एक,दूल्हा एक , दुल्हने दो , दोनो , दो जिलों की 
बैतूल से रामकिशोर पंवार की  रिर्पोट 
बैतूल। मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले की घोडाडोंगरी तहसील के केरिया - उमरी गांव में देश के इतिहास की पहली ऐसी शादी सम्पन्न हुई जिसमें पिता और पुत्र दोनो की पसंद को तीन परिवार के सदस्यों ने सहर्ष स्वीकार ही नहीं किया बल्कि नाच गाकर अपनी खुशियां जाहीर की है। तीन परिवारो की एकता और सहमति से दो युवतियों की जिदंगी की नई शुरूआत हो गई लेकिन इस शादी से किसी को मिर्ची लगी न लगी जिला प्रशासन के अधिकारियों को जबदस्त मिर्ची लग गई। अब इस विवाह को लेकर घोडाडोंगरी की तहसीलदार मानिका विश्वकर्मा जांच उपरांत कार्रवाई की बात कह रही है। बेगानी शादी में अब्दुला दिवाना की तरह कूद पड़ी घोडाडोंगरी की तहसीलदार मानिका विश्वकर्मा कहती है कि  हमारे द्वारा ऐसी किसी शादी की परमिशन नहीं दी गई है। बिना परमिशन की शादी हुई है, पटवारी को भेजकर मामले की जांच करा रहे हैं।
जिले की घोडाडोंगरी तहसील के केरिया गांव में युवक ने एक मंडप में अपने ही समाज की दो युवतियों के साथ सात फेरे लिये। इस शादी में दूल्हा - दुल्हन के परिवारों के साथ गांव के लोग भी शामिल हुए। यह पहला मौका था जब एक मंडप में दूल्हा एक और दो दुल्हन थीं। दूल्हे ने एक साथ दोनों दुल्हन के साथ हिन्दु रीति रिवाज सात फेरे लिए और दोनो की एक साथ मांगे भरी एवं मंगलसूत्र पहनाए। केरिया गांव में सम्पन्न हुई शादी को किसी को भनक नहीं थी लेकिन गांव के एक युवक ने अपने मोबाइल से सोशल मीडिया पर पहले तस्वीर और बाद में वीडियों अपलोड़ कर रातो - रात पूरे गांव को सुर्खियों में ला दिया। इस समय सोशल मीडिया के सभी मोबाइल एप्स एवं नेटवर्क पर शादी का वीडियो पर वायरल हो रहा है।
होशंगाबाद की प्रेमिका 
दुसरी गांव की बेटी 
  ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार केरिया गांव के आदिवासी युवक संदीप उईके प्रदेश की राजधानी भोपाल में पढ़ाई कर रहा था इस बीच उसकी पड़ौसी होशंगाबाद जिले की एक युवती से आंखे - चार हुई और दोनो की दोस्ती प्यार में बदल गई। संग - संग जीने - मरने की कसमें खाने के बाद जब उन्हे गांव आने पर पता चला कि उसकी शादी उसके माता - पिता ने कोयलारी गांव की बेटी से कर दी है। आखिर लड़के को अपने परिजनो को अपनी प्रेमिका के बारे में बताना पड़ा। इस बीच दोनो परिवार होशंगाबाद एवं कोयलारी से संदीप उइके के गांव केरिया आ पहुंचा। पहले तीन परिवारो ने आपस में इस समस्या का समाधान निकालना चाहा, लेकिन जब समाधान नहीं निकला तो पूरा निर्णय गांव पंचायत पर छोड़ दिया।
पंचायत का फैसला सर्व मान्य
विवाद को दूर करने के लिए तीनों परिवारों एवं समाज के लोगों ने पंचायत बुलाई। इसमें निर्णय लिया गया कि यदि दोनों लड़कियां युवक के साथ एक साथ रहने के लिए तैयार हैं, तो दोनों की शादी लड़के से करा दी जाए। इस पर दोनों लड़कियां राजी हो गईं और युवक से शादी करने के लिए तैयार हो गईं। जनपद पंचायत घोडाडोंगरी के उपाध्यक्ष मिश्रीलाल परते ने बताया कि केरिया गांव के युवक ने दो युवतियों के साथ एक साथ ही  सात फेरे लिए हैं। तीनों परिवारों ने मिलकर समाज के वरिष्ठ लोगों के साथ बैठक करके उक्त निर्णय लिया था जिसे हमारा समाज स्वीकार करता है। देश के इतिहास में पहली बार ऐसी समस्या पैदा हुई जब दो जिलो की लड़किया एक साथ एक ही युवक के साथ संग - संग जीवन बीताने के लिए सहमत हो गई।
परमिशन नहीं दी, कार्रवाई होगी..!
 जब यह खबर जंगल में लगे आग की तरह फ़ैली तो प्रशासन के होश उड़ गए। इस बीच इस शादी का दो वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस बाबत   मोनिका विश्वकर्मा तहसीलदार घोडाडोंगरी कहती है कि हमारे द्वारा ऐसी किसी शादी की परमिशन नहीं दी गई है। बिना परमिशन की शादी हुई है, पटवारी को भेजकर मामले की जांच करा रहे हैं।

रेड क्रस भेज रही है प्रदेश में चिकत्सीय सामग्री

  लखनऊ, 3 जून ।  गुरुवार को  रेडक्रास के सभापति श्री संजीव मेहरोत्रा , उपसभापति श्री अखिलेन्द्र शाही  महासचिव डा0 हिमाबिन्दु नायक  व  श्री ...