Monday 25 May 2020

नांदेड़ (महाराष्ट्र) में लिंगायत निर्वाणी मठ के

33 वर्षीय मठाधिपति बाल तपस्वी शिवाचार्य महाराज (फाईल फोटो)
मठाधिपति बाल तपस्वी शिवाचार्य 
सहित दो लोगों की निर्मम हत्या ?
(वसुंधरा पोस्ट टीम)
मृतक अस्पताल में 
लखनऊ । महाराष्ट्र के पालघर मे हुए दो नागा साधुओं की निर्मम हत्या की आंच ठंडी अभी भी नहीं हुई थी कि नांदेड़ जिले के उमरी तहसील के नागठना गाँव स्थित  लिंगायत समुदाय के निर्वाणी मठ में ही मठाधिपति बाल तपस्वी शिवाचार्य सहित दो लोगों की निर्मम हत्या से एक बार फिर उद्धव सरकार के गले की फांस बन गई। हत्यारा और कोई नहीं उसी मठा में नियमित आने-जाने वाला व्यक्ति ही निकाला। लेकिन हत्या के कारणों का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है । वहीं यह बात भी किसी के गले से नीचे नहीं उतार रही है कि आखिर हत्यारा साईं नाथ लंगोटे मठाधिपति बाल तपस्वी शिवाचार्य की हत्या के बाद उनके शव को कार में क्यों ले जाना चाह रहा था। इसी तरह के बहुत से प्रश्न है ,जिनके तह में जाने के बाद ही इस हत्या के रहस्य से पर्दा उठ पाएगा ।
तानुर एस आई राजन्ना के साथ हत्यारा लंगोटे 
नांदेड़ से मिली खबरों के मुताबिक शनि-रविवार की आधी रात में कुछ लोग मठ में प्रवेश किए।  नादेड़ पुलिस अधीक्षक के मुताबिक मठाधिपति व उनके सहयोगी भगवान शिंदे की हत्या लूट-पाट के कारण की गई है । जबकि स्थानीय लोग  इस बात से जरा भी इत्फ़ाक नहीं रखते हैं। उल्लेखनीय है कि मठाधिपति बाल तपस्वी शिवाचार्य भारतीय जनता पार्टी के समर्थक बताए जाते हें,जब कि उमरी का यह इलाका प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक राव चौहान के  विधान सभा क्षेत्र में आता है। शिवाचार्य महाराज ने पिछले चुनाव में चौहान का समर्थन न कर भजापा का साथ दिया था। बताते हैं कि इसी बात को लेकर चौहान  उनसे कुछ नाराज़ भी चल रहे थे ।  वहीं इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अचानक रविवार की सुबह ही अचानक चौहान की तबीयत बिगड़ती है ,और दिन ढलते ही उन्हें कोरोना संक्रमित बता दिया जाता है । सोमवार की सुबह एंबुलेंस से मुंबई के बीचकैंडी अस्पताल भी भेज दिया जाता है। बस शक की सुई घूम फिर कर यहीं पर अटक जाती है। बताते हैं कि हत्यारा  साईं नाथ लंगोटे ने मठाधिपति शिवाचार्य की हत्या के बाद वहीं के एक अन्य साधू रुद्र पशुपति महराज को भी मर दिया । जिनका शव मठ से थोड़ी दूर पर मिला बताया जाता है । बताते हैं कि लंगोटे का मठ में बराबर आना जाना रहता था। शनिवार की देर रात वह मठ में आया, मठ का गेट किसने खोला यह किसी को पता नहीं, क्यों कि गेट के सही सलामत है ,गेट को अंदर से ही खोला गया था। खबरों  के मुताबिक हत्यारे ने  मठाधिपति बाल तपस्वी शिवाचार्य  का गला दबा कर निर्मम हत्या कर दी । जिसको लंगोटे के साथी भगवान शिंदे ने देख लिया होगा,जिसके चलते उसने उनकी भी हत्या कर दी। हत्या के बाद हत्यारे ने मठाधिपति शिवाचार्य के शव को उन्हीं के कार में क्यों ले जाना चाहता था,यह एक गंभीर प्रश्न है ? जब वह कार  से मठाधिपति बाल तपस्वी शिवाचार्य के शव को लेकर निकलना चाहा तो गेट पर उसकी कार कैसे फांस गई,जिसकी आवाज़ सुनकर मठ में रह रहे लोगों की नींद टूट गई । जब कि उसके पहले क्या किसी को मठ के भीतर की कोई हलचल नहीं पता चली । चलिये यहाँ तक ठीक है ,मान भी ली जाए इस बात को । जब मठ में हलचल हुई तो वह कार छोड़ कर भागा , खबरों के मुताबिक वह पैदल ही भागा ,थोड़ी दूर पर किसी की मोटरसाइकिल को लेकर चलता बना । लंगोटे वहाँ से भागा तो सीधे तेलंगाना के निर्मल जिले के तानुर तहसील एलवी गाँव जा पहुंचा। इधर मठाधिपति बाल तपस्वी शिवाचार्य जी की हत्या के बाद पूरे जिले में तनाव फैल गया। घटना की जानकारी मिलते ही मठ में पुलिस भी पहुँच गई ,और हत्यारे की तलाश ज़ोरों पर शुरू हो गई ।
धर्माबाद पुलिस मीडिया के सामने हत्यारे को दिखते हुए 
महाराष्ट्र पुलिस ने तुरन जिले से लगने वाली सभी सीमाओं को सील कर दिया और सभी पुलिस स्टेशनो को हत्यारे के बारे में जानकारी भी भेज दी। सुबह होते-होते सभी पुलिस स्टेशन सतर्क हो गए। मामला पूर्व मुख्यमंत्री के गृह जिले का जो था। इसी बीच तेलंगाना पुलिस को भी इतला दे दी गई । तानुर पुलिस के सब इंस्पेक्टर राजन्ना किसी कम से एलवी गाँव पहुंचे तो उन्हे वहाँ पर महाराष्ट्र की एक मोटर साइकिल ( एम एच 26 बी एस 4530 दिखाई दी ,जो एक मंदिर के सामने खड़ी थी। उन्होने ने तुरंत उमरी ठाणे से मिली गाड़ी नंबर को चेक किया तो वही गाड़ी निकली । जिस पर राजन्ना ने कारवाई करते हुए धर्मबाद पुलिस के हवाले कर दिया। मामले की जांच के साथ-साथ लंगोटे से पूछताछ जारी है । यहाँ यह जानना जरूरी है कि महाराष्ट्र ,एवं तेलंगाना राज्य की सीमाओं से कर्नाटक की सीमाएं लगती हैं , कर्नाटक की यह वे सीमाएं हैं जहां पर लिंगायत समाज एक बड़ी संख्या में निवास करता है। जिनके मतों से यदि कर्नाटक में सरकार बनती-गिरती है तो महाराष्ट्र एवं तेलंगाना के इन क्षेत्रो के विधायकों एवं सांसदों का भविष्य बनाता बिगड़ता भी है।
(साथ में नांदेड़ से रविंदर सिंह मोदी ,निजामाबाद से एस विट्ठल एवं तानुर से अब्दुल रहमान )



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